भगवान विश्वकर्मा एक अद्वितीय शिल्पी थे। इंजीनियरिंग में उनके ज्ञान और बुद्धि के आगे कोई और नहीं ठहरता था। उन्हेंं वास्तुशास्त्र का जनक भी मना जाता है। विश्वकर्माजी ने ही इन्द्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी, शिवमण्डलपुरी आदि देवनगरियों की रचना की थी